यू नव सट शासन के नणय के उपल म बखा त सफ़ाई कामगार का जवाब रा य व ध व व व यालय, द ल के सभी अवैध प से बखा त मज़दरू को यह अनौपचा रक प से ात हुआ है क यू नव सट शासन ने उनके रोज़गार से उपजे आ थक संकट को दे खते हुए, कुछ सेवा दाताओं से हुई बात-चीत के बाद, यू नव सट के बाहर, वैकि पक रोज़गार क यव था करने का नणय लया है । शासन ने यह भी प ट कया है क यह परू तरह से ​अनौपचा रक व बा य न करने वाला नणय है । उनके हसाब से ‘वैकि पक रोज़गार’ सफ़ाई कामगार क 6 मह न तक चल रोज़गार के संघष का एकमा सबसे भावी समाधान है । इस प के मा यम से सभी बखा त मज़दरू , शासन के इस नणय पर अपने वचार और अंततः उ र य त करना चाहते ह। ं म लए गए 1. सबसे पहले तो यह प ट कर दे ना अ यंत आव यक है क शासन ने हम मज़दरू के संबध फैसले म हमे ह भागीदार बनाना और हमार सलाह लेना ज र नह ं समझा। यहाँ तक क आपसी नणय लेने के बाद भी सफ़ छा , अ यापक व मी डया तक ह इस नणय को सी मत रखा, न ह मह ंू जबानी (कॉल के मा यम से) और न ह ल खत प से इसक सच ू ना मज़दरू तक शासन वारा पहुंचाया गया। 2. ‘वैकि पक रोज़गार’ शासन के नज़ रए म सबसे अ छा समाधान मालम ू पड़ता होगा पर तु मजदरू के वचार से यह तमाम द कत से यु त और अ व वसनीय है । a. जब यह कां े टर क़ानन ू पढ़ाने वाल एक यू नव सट म सभी ब च और यू नव सट शासन क नाक के नीचे मज़दरू का शोषण कर रहा है , मज़दरू क सं या 71 से घटा कर 39 से ह परू ा काम करवा रहा है , तो ये हमारे साथ अपनी दस ू र जगह पर लगावाकर या- या करे गा। b. एक तो इस ऑफर से भी रोज़गार मल ह जाएगा इसक गारं ट कसी ने भी लेने से इंकार कर दया है । ऐसे वैकि पक रोज़गार म कसी भी कार क गारं ट नह ं है । म कानन ू का उ लंघन, जैसे समय से वेतन न मलना, काम करने के घंटे, काम करने क प रि थतयां, कतने मह न के बाद काम से नकाल दए जाना, और मान सक व शार रक ताड़ना का डर व अ य ऐसे मु द पर सवाल के रहते हुए, वैकि पक रोज़गार को वीकृत करना नामम ु कन है । c. यह ऑफर हमार परे शा नय को हल नह ं करता है , जैसे क हमे कां े टर जहाँ दस ू र जगह काम दलाने क िज़ मेदार ले रहा है , अगर वहां का कॉ ै ट भी एक मह ने बाद ख़ म होता है तो हम कहाँ जायगे। जब ये यू नव सट िजसमे हमने 12 साल काम कया आज हमे पहचानने से मना कर रह है तो वह एक मह ने का आया हुआ कां े टर हमे या पछ ू े गा? d. हमारा यह डर बाक के कॉ ै ट मज़दरू से इस लए अलग है य क इसी शासन के वारा साइन कये गए शोषण पव ू क कॉ ै ट के खलाफ हमने 6 मह न क लंबी लड़ाई लड़ी है । आज उसी व अ य कां े टर के अंदर कपस से अलग कह ं और टुकड़ो म काम करने का वचार हमारे अंदर डर पैदा कर दे ता है । इस लए हमारे मन म यह न आना क हमे कुछ दन म काम से एक-एक करके नकाला भी जा सकता है , एक वाभा वक न है और ऐसे म शासन वारा कोई गारं ट नह ं लेना, हमार चंताओं को और बढ़ा दे ता है । 3. शासन क संवेदनशीलता व दया क भावना कहाँ चल गयी थी जब 19 जन ू 2020 को यू नव सट के गेट पर यू नव सट शासन से म मं ी के नदश के संबध ं म बात करने आये मज़दरू को पु लस वारा मक ु दमा दायर करने क चेतावनी द गयी और दो म हलाओ (छा ा एवं मज़दरू ) को गैर कानन ू ी गर त म रखा गया और शासन से कोई एक बार बात तक करने नह ं आया। कहाँ गयी थी मज़दरू के त चंता जब मज़दरू आ थक तंगी, भख ु मर , मान सक तनाव व शार रक द कत से इतने मह ने जझ ू रहे थे? यह चंता तभी य सामने आई म मं ी गोपाल राय वारा उ ह यू नव सट म काम पर वापस रखने के लए बोला गया? हमने छह मह न इस लए संघष करा था ता क RMG का गैर कानन ू ी कॉ ै ट र द कया जाए और एक नया टडर डाल कर हम सभी 12 साल से रा य व ध व व व यालय म कायरत सफाई कमचा रय का पण ू अवधारण कया जाए और अब म मं ी का हमारे हत म नदश आने के बाद भी हमे इस पर कोई जवाब नह ं दया गया। आज अचानक से ‘वैकि पक रोज़गार’ क बात कहाँ से बीच म आ गयी है ? य हम कमचा रय को मु दे से भटकाकर म मं ी के नदश का पालन करने म दे र क जा रह है ? अगर शासन को सच म मानवीय प से समाधान क तरफ़ बढ़ना है जो क मजदरू के हत का संर ण करे तो म मं ालय के ल खत आदे श को यू नव सट शासन ज द से ज द लागू करे । 4. माननीय म मं ी के ल खत नदश हमे ऐसे ह नह ं मले है , हमने अपना खन ू पसीना एक करके, न जाने म मं ी के द तर के कतने च कर लगा कर नकलवाया है । हमारे पास पैस क कमी होने क वजह से हम पैदल भी गए है , धप ू म, बा रश म, ठं ड म द तर के आगे अपने ब च को घर म अकेला छोड़कर 10-12 घंटे सड़क पर बैठ कर गोपाल राय जी से मलने का इंतज़ार कया है । हमे कई बार नराश होकर लौटना पड़ा- पहले द ल म चन ु ाव, फर ये लॉकडाउन आया िजसने हमे अंदर से परू ा झकझोर कर रख दया। या खा रहे है , या पी रहे है कसी का कुछ भी ठकाना नह ं रहा। घरे लू हंसा के मामले बढ़े , इलाज़ करवाने के लए पैसे नह ं, एक मज़दरू के पताजी के दे हांत के बाद या-करम तक के लए पैसे नह ं बचे, हम म से कुछ मज़दरू इतना परे शान हो गए थे क वापस अपने गाँव जा कर बस जाना ह एकमा वक प लग रहा था। ले कन इन सभी प रि थ तय का सामना करने के बावजद ू हमने अपने रोज़गार क और उससे भी बढ़कर अपने आ मस मान क लड़ाई को आगे बढ़ाया और म मं ी से यू नव सट शासन के कहने पर ल खत नदश लेकर आये। यू नव सट के लए ये नदश एक कागज़ का टुकड़ा हो सकता है िजसे उसने मानने से इंकार कर दया पर हमारे लए ये 6 मह ने का हमारा संघष है , हमार जीत है , हमारा सबकुछ है । अब ऐसे म यू नव सट शासन का वह परु ाना ताव लेकर सामने आना िजसे हम पहले ह ठुकरा चक ु े है , या हम 6 मह ने क लड़ाई से पीछे चले जाए, िजससे हमे फर से पु लस वारा नौकर से खदे ड़ दया जाए जैसा 31 दसंबर 2019 को हमारे साथ कया था? हमारा कसरू या था क हमने इस यू नव सट म 12 साल लगन और ईमानदार से काम कया और इस यू नव सट को व छता म परू े भारत म तीसरा थान ा त करवाया? या इस लए हमारे साथ ऐसा भेदभाव कया जा रहा है ? या फर सबने सोच लया है क सफाई कमचा रय का कोई आ मस मान नह ,ं कोई जब भी िजधर भी पटकना चाहे वहां पटक सकता है ? हमारा स वनय नवेदन है क म मं ी ी गोपाल राय वारा दए गए नदश का पालन शासन बना दे र कये, लागू करे और हमार दन त दन बढती पीड़ा को ख म कर। हम ‘वैकि पक रोज़गार’ पर यू नव सट शासन वारा लए गए नणय को संयु त प से ख़ा रज करते ह। - रा य व ध व व व यालय द ल के बखा त सफाई कमचा रय क ओर से